दाम्पत्या जीवन की सफलता के रहस्य

आज का दाम्पत्य जीवन नारकीय बन गया है। दाम्पत्य जीवन का सुंदर महल बालू के बने घर के समान बन गया है जो छोटेछोटे मतभेद के कारण टूट कर तलाक के रूप में बदल जाता है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 1961 में 100 व्यक्तियों के पीछे एक, 1971 में 50 व्यक्तियों के पीछे एक एवं 1980 में 15 व्यक्तियों के पीछे एक व्यक्ति तलाक ले रहा था और उसके बाद से यह संख्या बढ़ती जा रही है। पति पत्नी का दहेज आदि के लिए शोषण कर रहा है। पत्नी के गलत व्यवहार एवं आचरण से अनेक पति बहुत परेशान हैं। अविश्वास का यह विष दाम्पत्य जीवन को तहस-नहस कर रहा है। कबीर-नीमा, राम-सीता, लक्ष्मण-उर्मिला, महात्मा गांधीकस्तूरबा, पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जो वेदमूर्ति तपोनिष्ठ एवं स्वतंत्रता संग्राम के समय श्रीराम मत्त की उपाधि से विभूषित वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा आदि दम्पति का दाम्पत्य जीवन परिस्थितियां विषम रहने पर सुखद एवं सफल रहा है। इसका रहस्य बताने वाले रहस्य को जानते थे और उसी के अनुसार चलते थे। जिनका दाम्पत्य जीवन टूटने के कगार पर है दुखद हो गया है वे इन रहस्यों के आधार पर चल कर दम्पतियों जैसा बन सकते हैं। वे रहस्य इस प्रकार हैं। » पति-पत्नी सच्चे हृदय से एक-दूसरे को प्यार करें। » मतभेद होने पर समझौता करें। > पति-पत्नी एक-दूसरे पर विश्वास करें। अविश्वास होने पर एकांत में इसका निराकरण करें। > एक-दूसरे की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करें। » पति-पत्नी मित्र बन कर रहें। > एक-दूसरे के आचरण की आलोचना न करें। > एक-दूसरे की गलती होने पर सबके सामने अपमानित न करें। एकांत में समझाएं। > एक-दूसरे का सम्मान करें। > दाम्पत्य जीवन में प्रसन्नता अक्षुण्ण बनाए रखें। > परस्पर एक-दूसरे की योग्यता व प्रतिभा बढ़ाने में सहयोगी बनें।