एलईडी लाइट कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए नगरायुक्त ने शासन को भेजा प्रस्ताव

मुख्य सचिव आरके तिवारी के सामने उठाये गये एलईडी लाइट के प्रकरण में अब नगर निगम एक्शन के मूड में आ गया है। नगरायुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने 3.28 करोड़ रुपया भुगतान लेने के बाद काम छोडऩे के प्रकरण में बड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं। नगरायुक्त ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए एक प्रस्ताव यूपी सरकार को भेजा है।


हाल ही में सोमवार के दिन मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा गाजियाबाद नगर निगम का औचक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान शहर में एलईडी लाइट लगाने वाली कंपनी द्वारा बरती गई अनियमितता को लेकर भी विवाद उठा। इस मामले में मुख्य सचिव ने नगर निगम को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। नगरायुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेने का फैसला किया है। इसी के चलते उन्होंने व्हाइट पिलाकार्ड कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए यूपी सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।



 

हालांकि इससे पहले भी नगर निगम की ओर से यूपी सरकार को कई बार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा गया। मगर इस पर कोई एक्शन शासन स्तर से नहीं लिया गया। इस बार मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया। उन्होंने कहा था कि नगरायुक्त इस पर कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजे, इस पर एक्शन लिया जाएगा।

 


सूत्रों के मुताबिक, नगरायुक्त ने व्हाइट पिलाकार्ड कंपनी के खिलाफ ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। इस कंपनी को मई 2016 में शहर में पुरानी स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी लाइट लगाने का ठेका दिया गया था। इस कंपनी को भुगतान का प्रस्ताव 13 जून को ही बोर्ड की बैठक में पेश किया गया था। बोर्ड में कंपनी को भुगतान का प्रस्ताव पास नहीं हुआ मगर इससे पहले ही मेयर की संस्तुति पर कंपनी को 3.28 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। भुगतान लेने के बाद से कंपनी काम छोड़कर चली गई। हालांकि इसकी कोई भी जानकारी विधिवत तौर पर नगर निगम को नहीं दी गई।