पांच मंजिला बिल्डिंग के दो फ्लैटों में लगी आग, 8 फंसे

 खोड़ा के शीतल विहार के वंदना एंक्लेव में एक पांच मंजिला बिल्डिंग के दो फ्लैटों में मंगलवार शाम को अचानक आग लग गई। आग से बिल्डिंग में आठ लोग फंस गए। सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने पुलिस व आसपास के लोगों की मदद से सभी सुरक्षित बाहर निकाल लिया। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से कोई जनहानि नहीं हुई है। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
खोड़ा के नेहरू गार्डन चौकी क्षेत्र के शीतल विहार में पंकज कुशवाहा की पांच मंजिल बिल्डिंग है। इसके ग्राउंड फ्लोर पर चार दुकानें और जबकि अन्य चार फ्लोर पर 20 फ्लैट बने हैं। जिसे किराए पर दिया हुआ है। बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर मूलरूप से जमालपुर, मुंगेर बिहार निवासी राजमी मिश्रा, पत्नी मृदुला, बेटे सुबीर और बेटी रहते हैं। रामजी एक निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड हैं। वह पत्नी के साथ गांव गए हुए हैं। मंगलवार शाम को उनका बेटा सुबीर बहन को परीक्षा दिलाने चला गया। फ्लैट पर ताला लगा हुआ था। शाम करीब चार बजे उनके फ्लैट में अचानक आग लग गई। आग की लपटें सेकेंड फ्लोर पर किराएदार काली चरण के फ्लैट तक पहुंच गईं। फ्लैट में काली चरण की पत्नी व बेटा आकाश मौजूद थे। आग और धुआं देख दोनों ने शोर मचा दिया। कुछ लोग बिल्डिंग की छत के रास्ते पड़ोसियों की बिल्डिंग से नीचे उतर गए, जबकि बिल्डिंग में फंसे आठ लोगों को दमकल विभाग और पुलिस ने पड़ोसियों की मदद से बाहर निकाला। इसके बाद टीम ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया।
सामान जला देख बिलख पड़े
आग लगने के दौरान फ्लैटों में रखा सामान जल गया। सुबीर ने बताया कि पिता सुरक्षा गार्ड हैं और वह स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। मेहनत से पाई पाई जोड़कर सामान लिया था। जो पूरी तरह जलकर राख हो गया। वहीं दूसरी मंजिल पर रहने वाले कालीचरण की बेटी राधा काम पर गई थी। घटना की जानकारी होते ही वह मौके पर पहुंचकर रोने लगी। मां और भाई को सुरक्षित देखकर उसे अपने घर के सामान की चिंता सताती रही। राधा का कहना था कि उसके घर में रखा फ्रिज, एलईडी समेत सारा सामान जल गया।
बिल्डिंग में एक ही गेट, पड़ोसियों की छत से निकले लोग
आग लगने के दौरान हीट और धुआं बिल्डिंग में भर गया। जबकि एक ओर आग की तेज लपटें उठने लगीं। इस दौरान लोग नीचे की ओर नहीं भाग पाए। तो लोग छत के पर निकले। इस दौरान पड़ोसी दुर्गेश और पड़ोसी तुषार के घर की छत पांच मंजिला बिल्डिंग से मिली थी। लोग इन्हीं की छत के सहारे नीचे उतरे। गनीमत रही लोग पड़ोस की छत से नीचे उतर गए। वरना एक मेनगेट के सहारे लोग रहते तो बड़ा हादसा हो जाता।
समय रहते निकाला गैस सिलेंडर, फटता तो होता बड़ा हादसा
आग लगने के दौरान बिल्डिंग की अधिकांश घरों में एलपीजी के बड़े गैस सिलेंडर रखे हुए थे। रामजी मिश्रा और काली चरण के घर से दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत कर गैस सिलेंडर को बाहर निकाला। हीट से सिलेंडर फूल गए थे। यदि सिलेंडर फटते तो बड़ा हादसा हो जाता। दमकल कर्मियों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।
क्या कहते हैं सीएफओ
बंद फ्लैट में आग लगी थी। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है। आग लगने के दौरान फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर भेजा गया था। आग से दो फ्लैटों का सामान जलकर राख हुआ है। आग से जनहानि नहीं हुई है। सुनील सिंह, सीएफओ