मेट्रो फेज-तीन के दोनों कॉरिडोर में शासन से मांगा 50 फीसदी पैसा

जीडीए ने मेट्रो फेज-तीन के दोनों कॉरिडोर वैशाली से मोहननगर और नोएडा से साहिबाबाद की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मंगलवार को शासन को भेज दी है। दोनों कॉरिडोर पर कुल 3325.22 करोड़ खर्च होना है। ऐसे में जीडीए ने प्रदेश सरकार से दोनों कॉरिडोर में 50 फीसदी फंड की मांग की है। बाकी 20 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार और 30 फीसदी में जीडीए, यूपीएसआईडीसी व आवास विकास परिषद शामिल हैं। दोनों कॉरिडोर के डीपीआर पर मंथन कर शासन की ओर से निर्णय लिया जाएगा।
जीडीए ने प्रदेश सरकार के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद वीके सिंह को भेजी गई डीपीआर से अवगत कराया है। अब शासन स्तर पर डीपीआर पर मंथन और मुहर लगने के बाद काम आगे बढ़ सकेगा। केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह की बीते दिनों दिल्ली में डीएमआरसी, जीडीए के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ही नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर तैयार कराने के डीएमआरसी एमडी को निर्देश दिए गए। उन्होंने जीडीए अधिकारियों को वैशाली से मोहननगर व नोएडा से साहिबाबाद दोनों कॉरिडोर की डीपीआर को एक साथ भेजने के निर्देश दिए थे।
ऐसे में डीएमआरसी की ओर से दोनों मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर आने के बाद उन्हें शासन को भेज दिया गया है। जीडीए उपाध्यक्ष के मुताबिक दोनों कॉरिडोर में 50 फीसदी अंशदान प्रदेश सरकार से मांगा गया है। केंद्र सरकार के 20 फीसदी अंशदान के बाद बाकी 30 फीसदी अंशदान जीडीए, यूपीएसआईडीसी, आवास विकास परिषद और नगर निगम वहन करेंगे। प्राधिकरण ने साफ किया है कि वह दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल मेट्रो फेज-दो कॉरिडोर में तय अंशदान के पैटर्न पर आगे नहीं बढ़ सकता है। मेट्रो फेज-दो कॉरिडोर के फंडिंग पैटर्न में तय अंशदान में जीडीए को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। कई बार रिमाइंडर भेजे जाने और शासन स्तर पर मामला पहुंचने के बाद अंशदान का भुगतान हो सका था। मेट्रो फेज-दो में नगर निगम पर करीब 200 करोड़ का बकाया है।
डीपीआर में साफ, रोलिंग स्टॉक का प्रबंधन करे डीएमआरसी
मेट्रो फेज-तीन के नोएडा से साहिबाबाद और वैशाली से मोहनगर मेट्रो कॉरिडोर में रोलिंग स्टॉक (मेट्रो कोच) का प्रबंधन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से करने की मांग की गई है। बीते दिनों सांसद वीके सिंह के साथ हुई बैठक में भी जीडीए ने डीएमआरसी को ही रोलिंग स्टॉक का प्रबंधन करने की मांग की थी। शासन को भेजी गई दोनों कॉरिडोर की डीपीआर में इसका उल्लेख किया गया है।
साहिबाबाद स्टेशन अहम, बनेगा जंक्शन
मेट्रो फेज-तीन के दोनों कॉरिडोर में साहिबाबाद में बनने वाला स्टेशन अहम होगा। यहां वैशाली से मोहननगर और नोएडा से साहिबाबाद कॉरिडोर को जोड़ने के लिए जंक्शन बनेगा। यहीं से रैपिड रेल स्टेशन से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इस जंक्शन से मोहन नगर से आने वाले लोग साहिबाबाद में उतरकर और फुटओवर ब्रिज के जरिए नोएडा जाने के लिए वसुंधरा सेक्टर-पांच मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे सकेंगे। साहिबाबाद से ही फुट ओवरब्रिज के जरिए रैपिड रेल स्टेशन पहुंचा जा सकेगा। दोनों ओर करीब 150 से 200 मीटर लंबा फुटओवर बनाया जा सकता है।
दोनों कॉरिडोर पर डालें नजर
वसुंधरा से मोहननगर कॉरिडोर की कुल लंबाई 5.04 किमी है। इस कॉरिडोर की कुल लागत 1808.22 करोड़ है। कॉरिडोर पर कुल चार स्टेशन में प्रहलाद गढ़ी, वसुंधरा सेक्टर-14, साहिबाबाद और मोहननगर शामिल हैं। दूसरी ओर नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 5.017 किमी है। इस कॉरिडोर की लागत 1517 करोड़ है। इस कॉरिडोर पर कुल पांच स्टेशन में वैभव खंड, इंदिरापुरम, शक्तिखंड और सेक्टर-पांचए वसुंधरा मेट्रो स्टेशन शामिल हैं।
वैशाली से मोहननगर व नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो के दोनों कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर शासन को भेज दी गई है। दोनों कॉरिडोर की कुल लागत का 50 फीसदी अंशदान प्रदेश सरकार से देने की मांग की गई है। संशोधित डीपीआर पर शासन स्तर से निर्णय के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। - कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए